
मरियम कहाँ तलाश करे अपने ख़ून को,
हर शख़्स के गले में निशान-ए-सलीब था|
अंजुम रहबर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मरियम कहाँ तलाश करे अपने ख़ून को,
हर शख़्स के गले में निशान-ए-सलीब था|
अंजुम रहबर