
तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा,
तो मेरी आँख में आँसू नज़र न आएगा|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा,
तो मेरी आँख में आँसू नज़र न आएगा|
वसीम बरेलवी
वाह, क्या बात है /
हार्दिक धन्यवाद जी।