
मिल भी लेते हैं गले से अपने मतलब के लिए,
आ पड़े मुश्किल तो नज़रें भी चुरा लेते हैं लोग|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मिल भी लेते हैं गले से अपने मतलब के लिए,
आ पड़े मुश्किल तो नज़रें भी चुरा लेते हैं लोग|
क़तील शिफ़ाई