
यही अकीक़ थे शाहों के ताज की जीनत,
जो उँगलियों में मदारी पहन के आते हैं।
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
यही अकीक़ थे शाहों के ताज की जीनत,
जो उँगलियों में मदारी पहन के आते हैं।
राहत इन्दौरी