
सबका ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सबका ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है|
जावेद अख़्तर