
ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया,
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया,
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए|
जावेद अख़्तर