
हमको आपस में मुहब्बत नहीं करने देते,
इक यही ऐब है इस शहर के दानाओं में|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हमको आपस में मुहब्बत नहीं करने देते,
इक यही ऐब है इस शहर के दानाओं में|
क़तील शिफ़ाई