
फ़ुर्सत ने आज घर को सजाया कुछ इस तरह,
हर शय से मुस्कुराता है रोता हुआ सा कुछ|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
फ़ुर्सत ने आज घर को सजाया कुछ इस तरह,
हर शय से मुस्कुराता है रोता हुआ सा कुछ|
निदा फ़ाज़ली