
छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया भर से,
कब मेरी आँख से बरसात नहीं होती है|
शकील बदायूँनी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया भर से,
कब मेरी आँख से बरसात नहीं होती है|
शकील बदायूँनी