
लोग मुझे पागल कहते हैं गलियों में बाज़ारों में।
मैंने प्यार किया है मुझको चुनवा दो दीवारों में।
नक़्श लायलपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
लोग मुझे पागल कहते हैं गलियों में बाज़ारों में।
मैंने प्यार किया है मुझको चुनवा दो दीवारों में।
नक़्श लायलपुरी
वाह, बहुत खूब |
हार्दिक धन्यवाद जी।