
दिल ही बहुत है मेरा इबादत के वास्ते,
मस्जिद को क्या करूँ मैं शिवालों को क्या करूँ|
राजेश रेड्डी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दिल ही बहुत है मेरा इबादत के वास्ते,
मस्जिद को क्या करूँ मैं शिवालों को क्या करूँ|
राजेश रेड्डी