
टापें बिछा रही हैं, अंधेरे में जामुनें,
इक तेज घुड़सवार है, जामुन का पेड़ है।
सूर्यभानु गुप्त
आसमान धुनिए के छप्पर सा
टापें बिछा रही हैं, अंधेरे में जामुनें,
इक तेज घुड़सवार है, जामुन का पेड़ है।
सूर्यभानु गुप्त