
जो ‘धर्म’ पै बीती देख चुके ‘ईमां’ पै जो गुज़री देख चुके,
इस ‘रामो-रहीम’ की दुनिया में इंसान का जीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
जो ‘धर्म’ पै बीती देख चुके ‘ईमां’ पै जो गुज़री देख चुके,
इस ‘रामो-रहीम’ की दुनिया में इंसान का जीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी