
यह दौरे खिरद है, दौरे-जुनूं इस दौर में जीना मुश्किल है,
अंगूर की मै के धोखे में ज़हराब का पीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
यह दौरे खिरद है, दौरे-जुनूं इस दौर में जीना मुश्किल है,
अंगूर की मै के धोखे में ज़हराब का पीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी