
चंद कलियाँ निशात की चुनकर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझसे मिल कर उदास रहता हूँ|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
चंद कलियाँ निशात की चुनकर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझसे मिल कर उदास रहता हूँ|
साहिर लुधियानवी