
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी