
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं,
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं|
अहमद फ़राज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं,
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं|
अहमद फ़राज़
वाह वाह
हार्दिक धन्यवाद जी।
Nice, Beautiful pic
Thanks a lot ji