
नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए,
नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए,
नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता|
कैफ़ी आज़मी