
ये ख़्वाब है ख़ुशबू है कि झोंका है कि पल है,
ये धुँध है बादल है कि साया है कि तुम हो|
अहमद फ़राज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ये ख़्वाब है ख़ुशबू है कि झोंका है कि पल है,
ये धुँध है बादल है कि साया है कि तुम हो|
अहमद फ़राज़