
मुझे बे-दस्त-ओ-पा कर के भी ख़ौफ़ उसका नहीं जाता,
कहीं भी हादिसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मुझे बे-दस्त-ओ-पा कर के भी ख़ौफ़ उसका नहीं जाता,
कहीं भी हादिसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है|
वसीम बरेलवी