
राह में फ़ौजों के पहरे सर पे तलवारों की छाँव,
आए हैं ज़िंदाँ में भी बा-शौकत-ए-शाहाना हम|
अली सरदार जाफ़री
आसमान धुनिए के छप्पर सा
राह में फ़ौजों के पहरे सर पे तलवारों की छाँव,
आए हैं ज़िंदाँ में भी बा-शौकत-ए-शाहाना हम|
अली सरदार जाफ़री