
अनजाने साए फिरने लगे हैं इधर उधर,
मौसम हमारे शहर में काबुल के आ गए|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अनजाने साए फिरने लगे हैं इधर उधर,
मौसम हमारे शहर में काबुल के आ गए|
राहत इन्दौरी