
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया,
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया|
सुदर्शन फ़ाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया,
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया|
सुदर्शन फ़ाकिर
https://pflkwy.wordpress.com/2022/10/29/o-segundo-turno-entre-lula-e-bolsonaro-consolida-a-polarizacao-social-no-brasil/