
खोल के खिड़की चाँद हँसा फिर चाँद ने दोनों हाथों से,
रंग उड़ाए फूल खिलाए चिड़ियों को आज़ाद किया|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
खोल के खिड़की चाँद हँसा फिर चाँद ने दोनों हाथों से,
रंग उड़ाए फूल खिलाए चिड़ियों को आज़ाद किया|
निदा फ़ाज़ली