
कल मैंने उसको देखा तो देखा नहीं गया,
मुझ से बिछड़ के वो भी बहुत ग़म से चूर था|
मुनीर नियाज़ी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कल मैंने उसको देखा तो देखा नहीं गया,
मुझ से बिछड़ के वो भी बहुत ग़म से चूर था|
मुनीर नियाज़ी