
अल्लाह बचाए मरज़-ए-इश्क़ से दिल को,
सुनते हैं कि ये आरिज़ा अच्छा नहीं होता|
अकबर इलाहाबादी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अल्लाह बचाए मरज़-ए-इश्क़ से दिल को,
सुनते हैं कि ये आरिज़ा अच्छा नहीं होता|
अकबर इलाहाबादी