
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया,
जिसको गले लगा लिया वो दूर हो गया|
बशीर बद्र
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया,
जिसको गले लगा लिया वो दूर हो गया|
बशीर बद्र