
इस पुरानी बेवफ़ा दुनिया का रोना कब तलक,
आइए मिल-जुल के इक दुनिया नई पैदा करें|
नज़ीर बनारसी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इस पुरानी बेवफ़ा दुनिया का रोना कब तलक,
आइए मिल-जुल के इक दुनिया नई पैदा करें|
नज़ीर बनारसी