
वो नए गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें,
वो हर एक बात पे रूठना तुम्हें याद हो कि न याद हो|
मोमिन खाँ मोमिन
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो नए गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें,
वो हर एक बात पे रूठना तुम्हें याद हो कि न याद हो|
मोमिन खाँ मोमिन