ऐ अज़्म-ए-सफ़र हमको सँभाल!

हम थके-हारे हैं ऐ अज़्म-ए-सफ़र हमको सँभाल,
कहीं साया जो नज़र आया है घबराए हैं|

राही मासूम रज़ा

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