
हम थके-हारे हैं ऐ अज़्म-ए-सफ़र हमको सँभाल,
कहीं साया जो नज़र आया है घबराए हैं|
राही मासूम रज़ा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हम थके-हारे हैं ऐ अज़्म-ए-सफ़र हमको सँभाल,
कहीं साया जो नज़र आया है घबराए हैं|
राही मासूम रज़ा