
बदल जाओगे तुम ग़म सुन के मेरे,
कभी दिल ग़म से घबराए तो कहना|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
बदल जाओगे तुम ग़म सुन के मेरे,
कभी दिल ग़म से घबराए तो कहना|
जावेद अख़्तर