
हैं ज़माने में अजब चीज़ मोहब्बत वाले,
दर्द ख़ुद बनते हैं ख़ुद अपनी दवा होते हैं|
मजरूह सुल्तानपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हैं ज़माने में अजब चीज़ मोहब्बत वाले,
दर्द ख़ुद बनते हैं ख़ुद अपनी दवा होते हैं|
मजरूह सुल्तानपुरी