
वो दिल ही क्या तिरे मिलने की जो दुआ न करे,
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो दिल ही क्या तिरे मिलने की जो दुआ न करे,
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे|
क़तील शिफ़ाई