भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे!

वो दिल ही क्या तिरे मिलने की जो दुआ न करे,
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे|

क़तील शिफ़ाई

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