
हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो,
बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो,
बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है|
साहिर लुधियानवी