तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो!

हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो,
बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है|

साहिर लुधियानवी

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