
आपकी नज़रों में सूरज की है जितनी अज़्मत,
हम चराग़ों का भी उतना ही अदब करते हैं|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आपकी नज़रों में सूरज की है जितनी अज़्मत,
हम चराग़ों का भी उतना ही अदब करते हैं|
राहत इन्दौरी