
रहेगी वा’दों में कब तक असीर ख़ुश-हाली,
हर एक बार ही कल क्यूँ कभी तो आज भी हो|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
रहेगी वा’दों में कब तक असीर ख़ुश-हाली,
हर एक बार ही कल क्यूँ कभी तो आज भी हो|
निदा फ़ाज़ली