रोटी जो खड़ा माँग रहा है मुझसे!

खो गया आज कहाँ रिज़्क़* का देने वाला,
कोई रोटी जो खड़ा माँग रहा है मुझसे|
*रोजगार
जाँ निसार अख़्तर

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