
लब कुछ भी कहें इस से हक़ीक़त नहीं खुलती,
इंसान के सच झूठ की पहचान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
लब कुछ भी कहें इस से हक़ीक़त नहीं खुलती,
इंसान के सच झूठ की पहचान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
वाह, बहुत खूब।
हार्दिक धन्यवाद जी।