
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो|
साहिर लुधियानवी
बहुत सुंदर गीत।
हार्दिक धन्यवाद जी।