
क्या दर्द किसी का लेगा कोई इतना तो किसी में दर्द नहीं,
बहते हुए आँसू और बहें अब ऐसी तसल्ली रहने दो|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
क्या दर्द किसी का लेगा कोई इतना तो किसी में दर्द नहीं,
बहते हुए आँसू और बहें अब ऐसी तसल्ली रहने दो|
कैफ़ी आज़मी