
इक ख़्वाब ख़ुशी का देखा नहीं देखा जो कभी तो भूल गए,
माँगा हुआ तुम कुछ दे न सके जो तुमने दिया वो सहने दो|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इक ख़्वाब ख़ुशी का देखा नहीं देखा जो कभी तो भूल गए,
माँगा हुआ तुम कुछ दे न सके जो तुमने दिया वो सहने दो|
कैफ़ी आज़मी