
नंगी सड़कों पर भटक कर देख जब मरती है रात,
रेंगता है हर तरफ़ वीराना तेरे शहर में|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
नंगी सड़कों पर भटक कर देख जब मरती है रात,
रेंगता है हर तरफ़ वीराना तेरे शहर में|
कैफ़ी आज़मी