
वो रातें चाँद के साथ गईं वो बातें चाँद के साथ गईं,
अब सुख के सपने क्या देखें जब दुख का सूरज सर पर हो|
इब्न ए इंशा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो रातें चाँद के साथ गईं वो बातें चाँद के साथ गईं,
अब सुख के सपने क्या देखें जब दुख का सूरज सर पर हो|
इब्न ए इंशा