
राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया,
दिल बहुत कुछ जला के देख लिया|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया,
दिल बहुत कुछ जला के देख लिया|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़