दिल में उतर कर तिरी आँखें!

बोझल नज़र आती हैं ब-ज़ाहिर मुझे लेकिन,
खुलती हैं बहुत दिल में उतर कर तिरी आँखें|

मोहसिन नक़वी

Leave a Reply