मुझसे बिछड़ कर तिरी आँखें!

फिर कौन भला दाद-ए-तबस्सुम उन्हें देगा,
रोएँगी बहुत मुझसे बिछड़ कर तिरी आँखें|

मोहसिन नक़
वी

Leave a Reply