
भड़काएँ मिरी प्यास को अक्सर तिरी आँखें,
सहरा मिरा चेहरा है समुंदर तिरी आँखें|
मोहसिन नक़वी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
भड़काएँ मिरी प्यास को अक्सर तिरी आँखें,
सहरा मिरा चेहरा है समुंदर तिरी आँखें|
मोहसिन नक़वी