
नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से,
बता दे तू ही ऐ ज़ालिम तड़पने की अदा क्या है|
चकबस्त बृज नारायण
आसमान धुनिए के छप्पर सा
नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से,
बता दे तू ही ऐ ज़ालिम तड़पने की अदा क्या है|
चकबस्त बृज नारायण