
हाल-ए-दिल मुझ से न पूछो मिरी नज़रें देखो,
राज़ दिल के तो निगाहों से अदा होते हैं|
मजरूह सुल्तानपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हाल-ए-दिल मुझ से न पूछो मिरी नज़रें देखो,
राज़ दिल के तो निगाहों से अदा होते हैं|
मजरूह सुल्तानपुरी