
उनके भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है,
जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं|
अब्बास ताबिश
आसमान धुनिए के छप्पर सा
उनके भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है,
जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं|
अब्बास ताबिश
Oh, how lovely!
Thanks a lot ji